साइबर सिक्योरिटी और सॉफ्टवेयर फर्म Sophos के शोधकर्ताओं ने इन खतरनाक ऐप्स का खुलासा किया है. रिपोर्ट की मानें तो ये सभी फ्लेसवेय ऐप्स हैं और इन्होंने गूगल की पॉलिसी का भी उल्लंघन किया है.
भारतीय रिसर्चर जगदीश चंद्राइहा ने एक ब्लॉगपोस्ट में बताया कि गूगल में मिले इन ऐप के टर्म और फॉन्ट बहुत ही हल्के हैं जो पढ़ने में नहीं आते. हालांकि इसमें कुछ खामियां हैं जो कुछ खतरनाक कामों की अनुमति दे देते हैं. चंद्राइहा ने बताया कि फ्लेसवेयर एक प्रकार का मैलवेयर मोबाइल ऐप्लीकेशन है, जो छिपी हुई सब्सक्रिप्शन फीस के साथ आता है.