प्रतिमा देखने में हूबहू पिचईमनियामल की तरह दिखाई देती हैं, एक नजर में देखने पर ऐसा लगता है जैसे कुर्सी पर सेथुरमन की पत्नी ही बैठी हों। सेथुरामा ने जो अपनी पत्नी के लिए किया है उसकी तुलना आप लोग ताजमहल के शाहजहां से भी करने लगे हैं।
शायद किसी ने सही कहा है प्यार की कोई हद नहीं होती।