निर्यातकों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के बाद अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया जैसे देशों ने चीन से दूरी बनाना शुरू कर दिया। वैश्विक कारोबार में 10 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले चीन को कच्चे माल की सख्त जरूरत रहती है और भारत ही इसकी पूर्ति कर सकता है।
यही वजह है कि पिछले तीन महीनों से चीन भारत से काफी अधिक मात्रा में कच्चे माल का आयात कर रहा है। इनमें स्टील कॉयल, कॉटन, केमिकल्स जैसे कच्चे माल शामिल हैं। निर्यातकों के मुताबिक अब कच्चे माल की जगह चीन को तैयार माल यानि फिनिश्ड गुड्स भेजना भारत का लक्ष्य है।