यह जो राशि दान के जरिए मिली है वह महज नौ दिन की है, जिसमें दो दिन मंदिर दर्शनार्थियों के लिए नहीं खोला गया। मंदिर के भंडार की गिनती गुरुवार को हुई। इसमें एक करोड़ 46 लाख सौ रुपये की राशि निकली। चौंकाने वाली बात यह है कि केवल 7 दिनों के अंदर इतनी राशि मंदिर के दानपात्र में आई कैसे।