इनके जरिये कारों, बसों और ट्रकों की विनिर्माण की लागत को कम किया जा सकेगा। इसका फायदा ये होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ जायेगी।
बताया जा रहा है कि वाहन कबाड़ नीति के लागू होने के बाद भारत सभी कारों, बसों और ट्रकों विनिर्माण केंद्र में अव्वल हो जाएगा। ये लक्ष्य भारत पांच सालों में प्राप्त कर लेगा। इसके साथ ही देश में सभी ईंधन, पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक के साथ-साथ हाइड्रोजन ईंधन भी सेल हो सकेंगे।