हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस बयान के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहां पोस्टर लगाया जा है वह लांछन लगाने के लिए या ऐसे इरादे से नहीं किया जाता होगा, बल्कि ऐहतियात के तौर पर पोस्टर लगाया जाता हो। घरों के बाहर पोस्टर लगाना या नहीं लगाना इसकी सुनवाई आगे के लिए स्थगित कर दी गई है। दोस्तों आपको क्या लगता हैं सर्कार का फैसला सही हैं या नहीं।