चीन ने इन दोनों नदियों पर बड़े बांध बनाने का काम शुरू कर दिया है। डील के मुताबिक 2026 तक निर्माण का काम पूरा होना है। लेकिन उससे पहले ही पीओके में बगावत की आग भड़क चुकी है।
इस बांध का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया था, उस वक्त इमरान ने लोगों को बड़े बड़े सपने दिखाए थे। लेकिन इमरान के वादे भी चीन के सामान की तरह नकली निकले, जिससे आवाम में जबरदस्त गुस्सा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी कंपनियों की परियोजनाओं को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। वैसे ये हद ही PoK को रेल मार्ग और सड़क मार्ग का सपना दिखाते-दिखाते उनके छोटे-छोटे ख्वाब तक चीन ने लूट लिए, चीन जिन थालियों में खाता है उसी में छेद कर जाता है।
जब से पाकिस्तान चीन का गुलाम हुआ है, तब से पीओके में लोगों पर अत्याचर बढ़ गया है। PoK के लोगों से गैरों जैसा व्यवहार, सरकारी नौकरियों में भेदभाव, स्कूलों में इस्लाम के बारे में पढ़ाने का दबाव, आवाज उठाने वालों के उम्र कैद दे दी जाती है, जगह-जगह चलते हैं आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप
साथ ही pok प्राकृतिक संसाधनों को जिनपिंग के हवाले कर रहा है, जिससे यहां की आवाम ये समझ में आ चुका है कि पाकिस्तान में रहकर उनके हक की रक्षा नहीं हो सकती है। इसलिए उन्होंने जिनपिंग और इमरान की जहरीली दोस्ती के खिलाफ ऐलान-ए-जंग छेड़ दी है।