इसके लिए काम शुरू हो चूका हैं इसमें संशोधन के तहत पीड़ित माता-पिता अगर चाहें तो वह अपने केस को पहले एसडीएम और फिर प्राधिकरण के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। एसडीएम के आदेश के बाद ऐसे बच्चों को वह अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं जो उनकी देखभाल नहीं करते या उन्हें करते घर से बाहर कर देते हैं।